तेरी बिखरी हुई जुल्फें तले मेरी ढलती हुई शाम हो। तेरे लबों पे मेरे लब हो और छलकता हुआ जाम हो। मै चाहता हूं ,यह मंजर क्षणिक ना हो। तेरे मेरे बीच यह सिलसिला ,हर सुबहो शाम हो। #दिली ख्वाहिश