इंद्रधनुष में भी कहाँ इतनें रंग दिखतें है जितनें रंगीन मिजाज अब लोग हो गए है गिरगिट की तरह रंग चढ़ता और उतरता है हम समझतें है वो हमसें खफा हो गया है कोई नजरें बिछाए बैठा रह जाता है पता नहीं चलता कब कौन बेवफा हो गया। ©sayrana zindagi #इंसान #human #Change #zindagikerang