आज बहुत घुटन है हवाओं में मौत का साया है फ़िज़ाओं में सड़ते शवों की बू है फैली हुई वहशियाना है इंसान भी नफ़रत है ज़ेहन में इंसानियत है सहमी सिमटी प्यार भाईचारा है लुप्त क्या नही यह करिश्मा कोई की आज भी है आशा उम्मीद टिमटिमाती दिल में कहीं Challenge-133 #collabwithकोराकाग़ज़ 50 शब्दों में अपनी रचना लिखिए :) #करिश्मा #कोराकाग़ज़ #yqdidi #yqbaba #YourQuoteAndMine Collaborating with कोरा काग़ज़ ™️