White वो आँगन की भुरभुरी सी सूखी मिट्टी.. वो फर्श पर पड़ी धूल पे चंद पाँव के निशान.. वो अखबार के कुछ फड़फड़ाते बिखरे पन्ने.. वो डाइनिंग टेबल पर पड़े चाय के दो खाली प्यासे प्याले.. वो चादर पर पड़ी चंद सिलवटें.. वो बिस्तर में पड़ा मासूम गीला तौलिया.. वो इन्तज़ार करती उल्टी भीगी छतरी.. वो दाल की खामोश काली पतीली.... .... सब नौकरानी की छुट्टी की निशानियां हैं ना कि शायरी । ©Andy Mann #नोकरानी KK क्षत्राणी