दूर कहीं एक तारा था मुझे बहुत प्रिय वो सितारा था मैं बातें उससे करता था वो ख़ामोशी से सब सुनता था फिर प्रेम की डोरी ऐसे टूट गई मानो किस्मत ही हमसे रूठ गई फिर धीर-धीरे वो छूट गया जो साथ कभी हमारा था दूर कहीं एक तारा था मुझे बहुत प्रिय वो सितारा था... मुझे बहुत प्रिय था #प्रियथा #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi