मजबूर खरीद दार चाहिये मुझे,मै बिकना चाह्ता हुं मजबूर् हो गया हु,खुद कि कीमत क्या है बतादो.. बोलो क्या मोल दोगे मेरी इमानदारी का जो कभी कही काम नही आयी क्या करुंगा मै अपनी वफादारी का किसि कि नज़र जो कभी न देख पायी मासूम् सा है चेहरा,सभी बोलते है मालूम् हुआ इसि चेहरे को बेवकूफ समझ्ते है..! दिल का कोइ खरीद दार हो वो भी बेच दुगा प्यार कि आज बाज़ार मे कीमत जो नहि है एक धरोहर थी मेरी आवाज मुझपर पर दुनिया के कोने कोने तक पहुचि हि नही है..! मजबूर हु मै बिकने को..!! ---Shreehari(Vijay) ©Shreehari Adhikari मजबूर् हूँ बिकने को.. #Hopeless