अबकी बार दीप नही दिल जलाते हैं घर में काफी चहल-पहल है खुशियों का त्यौहार आया है बांट रहे हैं खील बताते हैं मिठाइयों का उपहार आया है तरह-तरह की रंग बिरंगी फिरकियों से दिवाली में घर नए ढंग से सजाते हैं अबकी बार दीप नहीं दिल जलाते हैं मम्मी पापा बहुत खुश नजर आ रहे हैं लक्ष्मी जी की पूजा करने को जा रहे हैं मुझको भी अपने साथ बुला रहे हैं सारे परिवार को अपने साथ ला रहे हैं बाद मे घर की छतों पर दीप रखे जाएंगे इस बार चिंगारी दिल से लगाते हैं अबकी बार दीप नहीं दिल जलाते हैं पटाखे सब चलाएंगे खुशियां मनाएंगे किस पर क्या गुजरी कहां सुन पाएंगे दिल के दर्द दिल में छुपा के रह ज़ायेगे हम कितने खुश हैं सबको यही दिखायेगे चलो खुशियों का नाटक पूरा हुआ अब तन्हाई में जाकर अश्क बहाते हैं अबकी बार दीप नहीं दिल जलाते हैं बात बहुत पुरानी है मेरी जो कहानी है उस समय की बात थी जब वो मेरे साथ थी हमारी भी दुनिया थी जब वो साथ चलती थी गम नहीं थे दूर तक खुशियां ही पलती थी उसकी सादगी का सवब ना पूछिए जनाब आज त्यौहार है चलो हंस खेल के मनाते हैं अबकी बार दीप नहीं "ओजस"का दिल जलाते हैं इस बार दिवाली कुछ इस अदा से मनाते हैं अबकी बार दीप नहीं "ओजस"का दिल जलाते हैं ©Rajesh Ozas Wish U Many Many Happy Diwali AllOf You #Diwali