आज से एक सफर शुरू होता है, "माँ! अब पापा आपको उलाहना नहीं देंगें मेरे लिए लौटकर तभी आऊँगा जब कुछ बन जाऊँगा " माँ के पैर छूकर अंश घर से निकल गया, अनजानी राहों पर, मंजिल का पता ना राहों का , बस पापा से गुस्सा था ,इसलिए चला गया। उफ्फ ये आजकल के बच्चे !! थोड़ा कुछ कह दो तो घर छोड़कर चल देते हैं बिना सोचे कि माँ बाप का क्या होगा?" पापा अखबार पढ़ते बड़बड़ा रहे थे ,इस बात से अनजान कि उनका अंश भी तो यही कर रहा है। "क्या माँ-बाप बच्चों के दुश्मन हैं? अगर कुछ कहेंगें भी तो इसलिए क्योंकि फिक्र होती है उनको, वो हमारे सबसे बड़े शुभचिंतक हैं, आलोचना करते हैं, मगर प्यार भी वही करते हैं " ,शिव ( अंश का बचपन का दोस्त) उसको समझा रहा था। "अबे नया साल शुरू हो गया ,नया सफर शुरू करना है ना आज से तो जा पापा के गले लग और बोल, जो तेरे दिल में है ,पापा की भी सुनना जरूर, तुझे नई दिशा मिलेगी। और नहीं भी मिली,तो सुकून मिलेगा"। अंश उल्टे पांव घर गया तो देखा पापा कैमरा लिए बैठे हैं हाथ में, वही कैमरा जिसकी जिद्द कर रहा था अंश "वाइल्ड फोटोग्राफी" के लिए । वो धीरे से पापा के गले लग कर रोने लगा, पापा आज से अभी से नया सफर शुरू करता हूँ, आपको अब शिकायत का मौका नहीं दूँगा "। #naya_safar #Kahaniya #nojotoquotesforall #nojotowritersclub #nojotohindi #storytelling #newyear #feelings #aaj_kal #teenager