White तुम सुकूं के दिन मेरे तुम सुकूँ की रात भी । कैसे करूं इश्क तुमसे ,बन जाए बात भी।। इश्क तुमसे कर बैठा, मेरी थी नही अवकात भी। दुआ कुबूल हो मेरे , की बन जाए बात भी।। नजर तुमसे मिल गई,नही पूछा तुमसे जात भी। होठ मुस्करा दिए,जब बन गई बात भी।। आशीष क्यों मचल रहा ,जब बन गई है बात भी।। तुम सुकूं से रहो जब दिन तुम्हारा ,हो गई है रात भी। ©Balkrishna Ashish #safar तुम सुकूं के दिन मेरे तुम सुकूँ की रात भी । कैसे करूं इश्क तुमसे ,बन जाए बात भी।।