मन्ज़िल से अनजान मुसाफ़िर दर-दर ऐसे घूम रहा है नदी-नवारे, बर्फ़ीले-पर्वत और जंगल धोरे चूम रहा है जीवन के आयाम जानने सुने सुने सिद्धांत मानकर ख़ुद के शब्दों का अर्थ जानने कस्तूरी मृग ढूँढ़ रहा है— % & ♥️ Challenge-846 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।