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खामोश एक मुद्दत से हूँ , राज़ सारे दिल के खुलने दो,

खामोश एक मुद्दत से हूँ , राज़ सारे दिल के खुलने दो,

आवाज़ आयी है जिधर से "गंभीर", उस रास्ते पर मुझे चलने दो,

एक अरसा गुज़ारा है हमने खुद को संवारने में,

अब चली है जो हवा इश्क़ की , अब तो थोड़ा बिगड़ने दो। #Hangover
खामोश एक मुद्दत से हूँ , राज़ सारे दिल के खुलने दो,

आवाज़ आयी है जिधर से "गंभीर", उस रास्ते पर मुझे चलने दो,

एक अरसा गुज़ारा है हमने खुद को संवारने में,

अब चली है जो हवा इश्क़ की , अब तो थोड़ा बिगड़ने दो। #Hangover
gambhirs3876

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