मेरे गीत ग़ज़लों में तुम्हीं पैग़ाम होती हो मेरे जीवन दिवस की तुम ही सुंदर शाम होती हो मज़हबी बंदिशों से दूर सूनी वादियों में तुम मेरी यादों के कुनबे में तुम पावन धाम होती हो ©Sanjay (श़ाग़िल Shaagil) #वादियां #पावन #पैग़ाम #lovetaj