पहेली बारी,सुरूवात तो मजाक से हुई धीरे धीरे मजाक प्यार में बदल गया मेरी हर दिन, रात, शाम और दोपहर तेरी हुई दुःख ,दर्द तेरे ,सम्भालने के क़ाबिल मै बन गया सब जानते है नशा नही किया कभी तेरी नशीली आँखों में, शराबी सा डूब गया लोग जनन्त माँगते है मरने के बाद उनसे मिलने के बाद जीते जी जनन्त मै गया दिल के दरवाजे के बाहर,इंतजार किया है बहुत हम दोनों साथ मिले, देखो एक मकान बन गया ख़ामोश है बेवफा,जिस्मो का प्यासा बहुत इस खेल में पता नही कब तुमसे प्यार हो गया Nisha Gupta sunil meena