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इश्तेयाक़ है, जो रूह निचोड़ लेते है कोई तो जंजीरे

इश्तेयाक़ है,
जो रूह निचोड़ लेते है
कोई तो जंजीरे हो
जो इन्हे मै जकड़ सकू!

जज़्बाती हूं, 
जो बेमर्ज रोग सा लगता है
कोई तो संदूक हो
जहां कैद इन्हे मै कर सकू!

खाब है, 
जो गिरफ्त से बाहर है
कोई तो तहखाना हो
जहां दफ्न इन्हे मै कर सकू!

इश्तेयाक (आस, hope) 
जज्बात ( feelings) 
खाब (dream) #shayarishuda #hindipoetry #urdupoetry #poetryworld #poetrylove #innerworld #feelings #hope #dreams
इश्तेयाक़ है,
जो रूह निचोड़ लेते है
कोई तो जंजीरे हो
जो इन्हे मै जकड़ सकू!

जज़्बाती हूं, 
जो बेमर्ज रोग सा लगता है
कोई तो संदूक हो
जहां कैद इन्हे मै कर सकू!

खाब है, 
जो गिरफ्त से बाहर है
कोई तो तहखाना हो
जहां दफ्न इन्हे मै कर सकू!

इश्तेयाक (आस, hope) 
जज्बात ( feelings) 
खाब (dream) #shayarishuda #hindipoetry #urdupoetry #poetryworld #poetrylove #innerworld #feelings #hope #dreams