वो यादें जिनमें मेरे बाल तुम्हारे हाथ नोच रहे है वही सुन्दर बालों की कारीगरी अब तक खोज रहे है वो जो रेत से घर बनाया था जिसके टूटने पर तुम्हें गुस्सा आया था उसे तुमने बचा रखा होगा सोच रहे है वो रेत का घर खोज रहे है वो हक़ जिससे हाथ पकड़ते थे तुम जमाने से मेरी खातिर झगडते थे तुम जमाने की रजामंदी मिलते ही खिसक लिया जरुरत ना पड़ने पर वो हक़ खोज रहे है Lists की श्रेणी में आज लिखें उन चीज़ों के बारे में जिन्हें आप अब तक खोज रहे हैं। #खोजरहेहैं #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi