जो कुछ हूँ सामने हूँ,कुछ अंदर नहीं हूँ मैं ख़ादिम हूँ क़लंदर का क़लंदर नहीं हूँ मैं मुझ पर से गुजर जाइए ,गौहर तलाशिए मैं सिर्फ एक पुल हूँ, समंदर नहीं हूँ मैं