हाँ ये जिद है, हर दिवार तोड़, अपने सपनों की उड़ान भरने की, इन रूढीवादी और गलत परम्परा से जकडे़ समाज के बंधन तोड़, अपने पंख फैला आसमान की सैर करने की, न कोई रोक पाया है न कोई कभी रोक पायेगा, जिसे करनी है फ़िर भी कोशिश वो कर ले, हर दम वो मुझे अपने सामने खड़ा पाएगा, ये जंग किसी अकेले की नहीं वरन उन तमाम नारियों की हैं, ये हमारे सपने, हमारे अधिकार को पाने की लड़ाई है, बात नारी के आत्म-सम्मान में आई है, तो नारी दुर्गा की भाँति डटी रहेगी, फ़िर दुनिया की कोई ताकत उसे हिला नहीं पायेगी... #178thquote #yourquotedidi #yourquotebaba #aestheticthoughts #restzone #yourquote