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शब का आग़ाज़ है दिन भी नासाज़ है साँसों के दरमियाँ च

शब का आग़ाज़ है
दिन भी नासाज़ है

साँसों के दरमियाँ
चुप सी आवाज़ है

नज़्म कोई गा रहा
नब्ज़ का साज़ है

चाँद भी छुप गया
कुछ न कुछ राज़ है

आज फ़िर से क़लम
पे दर्द का ताज़ है

लफ़्ज़ों से इश्क़ पर
'राज' को नाज़ है


 #अंजलिउवाच #YQdidi #ग़ज़ल #शब #साज़ #आग़ाज़ #नाज़ #नासाज़
शब का आग़ाज़ है
दिन भी नासाज़ है

साँसों के दरमियाँ
चुप सी आवाज़ है

नज़्म कोई गा रहा
नब्ज़ का साज़ है

चाँद भी छुप गया
कुछ न कुछ राज़ है

आज फ़िर से क़लम
पे दर्द का ताज़ है

लफ़्ज़ों से इश्क़ पर
'राज' को नाज़ है


 #अंजलिउवाच #YQdidi #ग़ज़ल #शब #साज़ #आग़ाज़ #नाज़ #नासाज़