कौन ठहरा है यहाँ सागर किनारे। हवाओं से, घटाओं से कहे ए दिल पुकारे। क्या तुम वही हो जिसे मैंने बुलाया। बदल कर बेष कोई और आया।। ©उमाकान्त तिवारी 'प्रचण्ड' शायरी हिंदी