तू मेरा इंतिख़ाब था, शायद मै तेरा ना थी... उम्मीद तो की थी गुलाब के बदले गुलाब की, मगर यहां तो कांटों तक को मेरा इंतिख़ाब करना लाज़िम ना था। तू मेरा इंतिख़ाब *इंतिख़ाब - चुनाव #intikhab #collab #yqbhaijan #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Bhaijan