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तू जिस्म नहीं मेरा, तो रूह कैसे बन गई, तू दिल नहीं

तू जिस्म नहीं मेरा, तो रूह कैसे बन गई,
तू दिल नहीं मेरा तो, धड़कन कैसे बन गई,
तू हवा नहीं मेरी तो, सांसें कैसे बन गई,
 यू तो सब कुछ है मेरे पास, फिर जिंदगी कैसे बन गई...!

---(GUSTAKHI MAAF)

©someone special 
  तू जिस्म नहीं मेरा, तो रूह कैसे बन गई,
तू दिल नहीं मेरा तो, धड़कन कैसे बन गई,
तू हवा नहीं मेरी तो, सांसें कैसे बन गई,
 यू तो सब कुछ है मेरे पास, फिर जिंदगी कैसे बन गई...!

---(GUSTAKHI MAAF)

तू जिस्म नहीं मेरा, तो रूह कैसे बन गई, तू दिल नहीं मेरा तो, धड़कन कैसे बन गई, तू हवा नहीं मेरी तो, सांसें कैसे बन गई, यू तो सब कुछ है मेरे पास, फिर जिंदगी कैसे बन गई...! ---(GUSTAKHI MAAF) #Thoughts

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