बहता मन मेरा, जैसे सपनो की कोई नोका हो, कभी इस शाहिल कभी उस शाहिल, कभी बीच भवर् जैसे खेल रही हो कोई धारा । बहता मन मेरा... @$रोहित सैनी$..... #बहता मन