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मेरा अपना शहर, बसा है कुछ यूँ खयालो में कि, याद ह

मेरा अपना शहर, 
बसा है कुछ यूँ खयालो में कि,
याद ही नहीं करना पड़ता।

©harshit tyagi #amroha
मेरा अपना शहर, 
बसा है कुछ यूँ खयालो में कि,
याद ही नहीं करना पड़ता।

©harshit tyagi #amroha