वफ़ा जिसे कहते हैं वो अहद-ए-वफ़ा तुम हो धड़कनों से जो आती है मुझे वो सदा तुम हो नफ़्स नफ़्स में जो बहती है वो हवा तुम हो इस मरीज़ ए इश्क़ की अदद दवा तुम हो दिन रात माँगा है तुझे, मेरी हर दुआ तुम हो हार के भी जीत लूँ मैं, ज़िंदगी का जुआ तुम हो ♥️ Challenge-640 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ विषय को अपने शब्दों से सजाइए। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।