*सबसे प्यार निभाओ* जिन्दगी अचानक ही बेवफा हो जाती है साथ छुड़ाकर अपनों का दर्द दे जाती है सोचते हैं ना छूटेगा किसी का साथ कभी इस जिस्म से रूह जुदा हो जाती है तभी किसी के लिए बोलो कौन यहां रुक पाया छोड़ गया हमें जब जाने का समय आया हम भी वक्त आने पर संसार छोड़ जाएंगे चाहे कोई रोक ले किन्तु रुक नहीं पाएंगे जिन्दगी के भरोसे कोई रिश्ता ना बनाओ जाएंगे सब छोड़कर मन को ये समझाओ जब तक है जिन्दगी प्यार सबसे निभाओ नफरत मिटाकर जिन्दगी प्यार से बिताओ जिस्म से जुदा होकर फरिश्ता बन जाओ अपनी खूबियों से तुम सबको याद आओ *ॐ शांति*