#OpenPoetry वास्ता हुस्न से या शिद्दत ए ज़ज्बात से क्या , इश्क को तेरे कबीले या मेरी जात से क्या , प्यास देखूं या करूँ फ़िक्र कि घर कच्चा है , सोच में हूँ कि मेरा रिश्ता है बरसात से क्या.।। barsat2