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मुस्कराते तब भी हैं जब उलझ जाते हैं और बहुत सोचते

मुस्कराते तब भी हैं जब उलझ जाते हैं
और बहुत सोचते हैं जब सुलझ जाते हैं
शिकायत करने की अपनी आदत नहीं है
खुद को ही हम बहुत कुछ कह जाते हैं
प्रकृति तो संकेत पल पल देती रहती है
उन संकेतों को समझ कर सम्हल जाते हैं
हवाओं के रुख से कभी लड़ा नहीं जाता
बात गहरी हो तो अश्क बनके बह जाते हैं
सतपथ पे चलने का प्रयास करना चाहिए 
जहां पर घुटन हो "सूर्य" वहां ढल जाते हैं

©R K Mishra " सूर्य "
  #मुस्कुराते  Rama Goswami भारत सोनी _इलेक्ट्रिशियन Ashutosh Mishra Aditya kumar prasad Kanchan Pathak