जब मैं छोटी थी न, तो लगता था सिर्फ़ चीज़ों की क़ीमत होती है, लेकिन धीरे-धीरे उम्र के सफ़र में समझ आने लगा कि, कीमत सिर्फ़ चीज़ों की नहीं होती। रिश्तों की, एहसासों की, और,, मोहब्बत की भी कीमत होती है.. ये जो ऊपर की सफ़ में लिखे जो तीन अल्फाज़ हैं न? ये दुनिया की किसी दुकान में नहीं बिकते, पर ज़िंदगी में, इनसे महंगा कुछ भी नहीं... किसी के सीने से लगने की क़ीमत, किसी के सिर पर प्यार का हाथ रखने की क़ीमत, किसी के काँधे पर उसका हौसला बढ़ाने के लिए हाथ रखने की क़ीमत, तो किसी के काँधे पर सिर टिकाकर कुछ देर सुकून से बैठने की क़ीमत... ये एहसास वाक़ई दुकानों में नहीं बिकते, पर असल ज़िंदगी में इनका सौदा भी होता है, और सबसे ज़्यादा क़ीमत भी इन्हीं की चुकानी होती है, कमाल की बात तो ये है, कि इन एहसासों की क़ीमत फ़कत पैसा नहीं होता, पर काश, कि इनकी क़ीमत पैसा होता,, कम से कम दिल तसल्ली में तो होता....... ©Neerja क़ीमत... #Drops