कुछ दिनों पहले बस से जा रहा था, परीक्षा के समय नजदीक आ रहा था । मोबाइल से पढ़ रहे थे, घनघोर निंद्रा से लड़ रहे थे। बस चली जा रही थी, नींद लग रही ,और खुली जा रही थी बस एक ढाबे पर रुकी , रात के करीब 1 बज रहा था। आस पास कुछ नहीं दिख रहा था कुछ दूरी पर अलाव जल रहा था, अलाव देखकर मेरा मन मचल रहा था । पास जाकर हाथ सेकने लगे , और उनलोगों को देखने लगे #NojotoQuote ठंड की मार