आज विकास के जिस दौर से हम (विश्व) गुजर रहे हैं, वहां किसी युद्ध विराम को सफलता नहीं मिलेगी। न कोई मानवता के इस ह्रास को रोक पाएगा। धन भी मिट्टी दिखाई दे जाएगा। विष और संहार के एक ही देव हैं -शिव। आने वाला काल इनके ताण्डव का साक्षी होगा। 05-11- 2019 #विज्ञान_का_ताण्डव जो आज मचा हुआ है उसकी आशंका वर्षों पहले देश के आधुनिक महर्षि (मैं मानता हूँ ) श्री गुलाब कोठारी जी ने अपने कई लेखों में देश और नई पीढ़ी के सामने रखी थी । लेकिन सरकार बदलती गई किसी ने ध्यान नही दिया आज जब #covid_19_march_22_at_8_am_to_9_pm के दौरान देश को लॉकडाउन होते देखा तो मेरा दिमाग़ सोचने पर मजबूर हो गया । देश की अवाम ने प्रधान सेवक के आह्वान को सहर्ष स्वीकार कर पूरे मन से सहयोग किया ये शानदार बात थी । वैसे भारतीय जनमानस के बारे में एक बात और बताऊं --- : अपनी तमाम ऐतिहायत बरतते हुये जब आप कहते हैं कि हमें कुछ नहीं होगा तो मैं इसे लापरवाही नही "जिजीविषा" कहूँगा । : तमाम आशंकाओं के बीच, आपको ये भी मानना होगा कि इस मुल्क की जिजीविषा दर किसी अन्य की अपेक्षा कहीं ज्यादा हैं। बेफिक्र और बिंदास जीवनशैली कुछ हद तक रोग को पास नहीं आने देती।