मेरे दिल की आवाज से मेल खाता है, लहरों का ख़ामोश शोर मुझे खुद से मिलाता है ये समंदर इक बड़ा सा आइना लगता है, इस आईने में मुझे कोई और नज़र आता है पानी बढ़ कर जब जब मुझे छुए, यूं लगता है दोस्ती का हाथ बढ़ाता है मैं चुप चाप लिख देती हूं साहिल पे हाल- ए- दिल, मेरा पैगाम वो चुपके से समेट ले जाता है एक सच्चे दोस्त की तरह मेरी हर बात सुनता समझता और अपनी गहराइयों में उतार ले जाता है मन को सुकून दे कर मेरा हमदर्द बन जाता है ©Mann #Lavanya #Sethiji #TanyaSharma #siy