वो सगे भाई नहीं होते, फिर भी भाई कहलाते हैं। उनसे ख़ून का रिश्ता भी नहीं होता, फिर भी ख़ून जैसा रिश्ता निभाते हैं। एक दिन भी अच्छा नहीं लगता, बिना बात किये हुए जिनसे। वो रिश्ते में हमारे "दोस्त" कहलाते हैं।