बीताने की चाहत थी जिंदगी तेरे हसीन पल यूं ही बीत गए...... कुछ इंतज़ार में गुज़रे .......कुछ तकरार में बीत गए.... कुछ लम्हें हम हारे ........ कुछ लम्हें वो जीत गए......... इश्क़ धुंधला होने लगा था ........आहिस्ता - आहिस्ता....... फिर मोहब्बत की हार हुई ......बदलते रिश्तों की जीत गए। #रोज़ी_संबरीया एक ख़ूबसूरत #collab Rest Zone की ओर से। #कुछपल #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi