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मेरी रूह में कुछ बाकी सा रह गया है वो, अब तो सिर्

मेरी रूह में कुछ बाकी सा रह गया है वो,
अब तो 
सिर्फ ख्वाहिशों में और अरमानों में बसता है वो.. तुम्हें पता है प्रेम??? सहजीवन से कम नहीं होता ये प्यार !! हम प्रेम में प्रेमी के साथ साथ बातों बातों में उनकी पसंद की चीज़े भी अपनाने लगते है.. हमें अचानक से वो सब अच्छा लगता है जो हमें पहले कभी पसंद ना था.. 
तुम ही देख लो ना प्रेम.... जैसे मुझे अब कॉफ़ी की महक लुभाती है, लगता है तुम आए हो उसे पीने या फ़िर जब तुम और हम मिलेंगे तब चाय के साथ साथ कॉफ़ी की महक मुझे कैसे महकाएगी, तुम्हें कहां पसंद था वो रात को जागना...पर वक्त के रहते अब आधी रात तक तुम्हें जागते रहते देखा है मैंने!! तुम ने अब मेरी तरह शुरू किया है पिज़्ज़ा खाना और मुझे पसंद है अब तुम्हारी वो पीली दाल भी!!! उफ़... कितना कुछ लेन देन रहा ना हमारे बीच!! हम रिश्ते को निभाते निभाते इतना  आगे चल पड़े की जब तुम मेरा हाथ छोड़ के आगे चले गए तो मेरे पास मेरा कुछ नहीं  बचा प्रेम !! अब मुझे चाय में से महक आती है तुम्हारी कॉफ़ी की.. अब रोज दाल होती है मेरी थाली में.. अब मैं सो जाती हूं जल्द ही...
देखो ना हमारा रिश्ता क्या छूटा... मेरे पास से सब कुछ छूट गया!! तुम क्या गए सब गया, यहां तक की ये जो नज़्में है उसमे भी तुम्हारे ज़िक्र के सिवा कुछ नहीं लिखा जाता !!
दरअसल, 
जाते जाते तुम मुझ से मेरा "मैं"  ले गए..
अब मेरे पास कुछ नहीं...."मैं" भी नहीं.
🖤🖤
मेरी रूह में कुछ बाकी सा रह गया है वो,
अब तो 
सिर्फ ख्वाहिशों में और अरमानों में बसता है वो.. तुम्हें पता है प्रेम??? सहजीवन से कम नहीं होता ये प्यार !! हम प्रेम में प्रेमी के साथ साथ बातों बातों में उनकी पसंद की चीज़े भी अपनाने लगते है.. हमें अचानक से वो सब अच्छा लगता है जो हमें पहले कभी पसंद ना था.. 
तुम ही देख लो ना प्रेम.... जैसे मुझे अब कॉफ़ी की महक लुभाती है, लगता है तुम आए हो उसे पीने या फ़िर जब तुम और हम मिलेंगे तब चाय के साथ साथ कॉफ़ी की महक मुझे कैसे महकाएगी, तुम्हें कहां पसंद था वो रात को जागना...पर वक्त के रहते अब आधी रात तक तुम्हें जागते रहते देखा है मैंने!! तुम ने अब मेरी तरह शुरू किया है पिज़्ज़ा खाना और मुझे पसंद है अब तुम्हारी वो पीली दाल भी!!! उफ़... कितना कुछ लेन देन रहा ना हमारे बीच!! हम रिश्ते को निभाते निभाते इतना  आगे चल पड़े की जब तुम मेरा हाथ छोड़ के आगे चले गए तो मेरे पास मेरा कुछ नहीं  बचा प्रेम !! अब मुझे चाय में से महक आती है तुम्हारी कॉफ़ी की.. अब रोज दाल होती है मेरी थाली में.. अब मैं सो जाती हूं जल्द ही...
देखो ना हमारा रिश्ता क्या छूटा... मेरे पास से सब कुछ छूट गया!! तुम क्या गए सब गया, यहां तक की ये जो नज़्में है उसमे भी तुम्हारे ज़िक्र के सिवा कुछ नहीं लिखा जाता !!
दरअसल, 
जाते जाते तुम मुझ से मेरा "मैं"  ले गए..
अब मेरे पास कुछ नहीं...."मैं" भी नहीं.
🖤🖤
darshana4860

Darshana

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