White तुम्हारी आँखों के चंद आंसू, हमारी आँखों मे पल रहे है ना जाने कैसे मुसाफिर है ना रुक रहे है ना चल रहे है... ज़माने वालो ना बुझ सकेगा तुम्हारी फुक से प्यार मेरा मेरे चिरागो के हौसले हवा से आगे निकल रहे है कहाँ की मंजिल, कहाँ की रहबर रहा भरोसा नहीं अब किसी पर जगाने निकले है हमें वो जो खुद नींद मे चल रहे है तुम्हारी आँखों के चंद आंसू, हमारी आँखों मे पल रहे है ©मेरे अल्फाज़ मेरा दर्द #Free 'दर्द भरी शायरी'