मुरझा गया हूं, फिर से खिल उठूंगा खुली आसमानों के नीचे, बाहें फैलाए रखूंगा | ऱब की निगाहें होगी, एक रोज और मैं बारिश की बूंदों में फिर से खिल उठूंगा || ©R...Khan #खिल #उठूंगा #Rose Saurav Das