" रोना-धोना बंद कर साथी, तूने बहुत लिया है चीख प्यार मोहब्बत के लिए क्यों रोना कर लो अपने काम से प्रीत रो- धो कर खुद को क्यों कमजोर बनाना धैर्य रख तुम साहसी बन जाना, जिंदगी तेरी बहुत बड़ी है क्यों तू बेवजह हो रही है भयभीत, देख के तेरी आंखों में आंसू कई सवाल पनप रहे हैं जवाब देना जरूरी है इसलिए आज हम अपने चुप्पी को तोड़ रहें है जो छोटी बातों पर तकरार करके चले जाए ऐसे लोगों पर आंसू क्यों बहाती है?? जिंदगी बहुत बड़ी है जिंदगी तो ऐसे नहीं जी जाती है खुश हो जाओ कि छन भर के तकरार में सामने वाले को समझने की जहमत हुई है खुद को भाग्यशाली मान के ऊपर वाले की तुझ पर कृपा हुई है अभी साथ छूटना बखूबी तेरे दिल को पहुंचा रहा है चोट और मेरी बातों से भी तुझ में भर जाए आक्रोश पर मेरी प्यारी सखी धैर्य रख तुझ पर भी होगी खुशियों की आमद रोना-धोना बंद कर सखी बस मैं सुनना चाहती हूं तेरी खिलखिलाहट" #विचार