बेवजह: तुम मुझे याद आते हो......बेवजह! कहाँ तक साथ जाओगे? बेवजह! हमारा रास्ता मीलों है पैदल , वहाँ तक जा सकोगे क्या? बेवजह! खेल किस्मत का है, मिलना-खोना, हमने जोखिम है उठाया, बेवजह! दिन भले अपनी चमक में खोये रहो, रात भर सो न सकोगे, बेवजह! ज़िन्दगी सबकी अलग कहानी है, मेरी सबसे है अनोखी, बेवजह! ✍️.. ©Tara Chandra Kandpal #बेवजह_जिंदगी