लिखते लिखते नज़र उस चाँद पे गई, उसकी वो चाँदनी आज भी ठंडी है, पूरी रात गुज़र जाया करती थी, चाँदनी के साए में, अब कभी कभार ही मौका मिलता है, उन पुरानी दफ़्न यादों से मुलाक़ात का, शायद बहोत दूर निकल आया हूँ मैं, उस अतीत के झरने से, जो बहा करता था कभी दूर तलक इन वादियों में। अतीत की यादें #yqbaba #yqtales #yqdada #yqquotes #yqhindi #yqnazm