सोचा मन ने बहुत बार कहा दिल ने बहुत बार जीवन में आगे बढ़ जा नये किरदार में ढल जा भूल पिछला सब कुछ देख अब आगे का कुछ धारण कर वेशभूषा नयी चरित्र निभा दूसरा कोई बहुत खेला वो पुराना खेल नया किरदार नया हो खेल नये किरदार में तू ढल जा जीवन मंच पर फिर छा जा मुनेश शर्मा मेरी,✍️🌈26 सुप्रभात। यह जीवन एक रंगमंच है। यहाँ समय समय पर अलग अलग किरदार निभाने पड़ते हैं। #नएकिरदार #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi