©alps के सारे बादल छट गए, कुसूर जो हुए थे तेरे-मेरे बीच खुद ही हट गए, अब के बरस ग़र तुझे मुझसे, मोहब्बत हो तो जी कमाल ही हो, जी बवाल ही हो, फिर ना कहना के हम ना मिले चाहतों के आसमानों में, करने कायम, क़याम सी अपनी मोहब्बत मैं मिलूंगी आसमानी आसमानी आसमानी ज़मीनों में. तू एक दफ़ा बस महसूस कर लेना मुझे, मैं मिलूंगी तुझे तेरे ही लिखें ग़ज़लों गानों, किस्से पुरानों में, ज़िन्दगी के नायाब इम्तिहानों में. ©अल्प