इश्क़ देश धर्म से ताल्लुक नहीं रखता लोग बाँट देते हैं धर्म जाति कबीलों में! जो करते हैं सबसे ज़्यादा मुख़ालफ़त वही लोग गिने जाते हैं सेठ नबीलों में! मोहब्बत अक्ल के मारों का काम है मोहब्बत फ़ालतू की चीज़ है अक़ीलों में! पाकीज़ा इश्क़ की दास्ताँ अब सिमटकर रह गई है काग़ज़ी तपसरा तफ़सीलो में! ख़ैर अब मोहब्बत जिस्मानी हो गई है बैर करा देती है अच्छे अच्छे ख़लिलों में! इश्क़ देश धर्म से ताल्लुक नहीं रखता लोग बाँट देते हैं धर्म जाति कबीलों में! जो करते हैं सबसे ज़्यादा मुख़ालफ़त वही लोग गिने जाते हैं सेठ नबीलों में! मोहब्बत अक्ल के मारों का काम है मोहब्बत फ़ालतू की चीज़ है अक़ीलों में!