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जब तक काम मोह ईर्ष्या द्वेष मद हमारे जीवन में रहते

जब तक काम मोह ईर्ष्या द्वेष मद हमारे जीवन में रहते हैं जब तक प्रभु की शरणागति असंभव है चाहे वह कितना भी विद्वान क्यों ना हो श्री हरि

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  श्री कृष्णा
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Ka Sh

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श्री कृष्णा #पौराणिककथा

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