तुम परिचय हो नारीत्व की तुम धारा हो वीर रस की तुम पहचान हो कर्मठता की तुम बलिदान हो तुम शान हो इस धरा की मर्दो वाली बात है तुममे संस्कृति की बहार है तुममे जो तुम होती आज भी हममे जाने कितने फूल खिलते इस चमन मे जाने कितने फूल खिलते इस चमन मे #ss Jhasi ki rani#ss