वे अंतिम शब्द In Caption. वे अंतिम शब्द प्यार, क्या मुकद्दस जज़्बा क्या रूहानी अहसास है। क्या है? ज़िन्दगी में सब श्वेत श्याम हो तो कोई समस्या ही न बचे। परन्तु ज़िन्दगी की अपनी रवायत है अपनी रवानगी अपनी अलग कहानी। रमेश और लीना ने समाज और परिवार से लड़ कर विवाह किया था। कॉलेज से दोनों में प्रेम हुआ और जीने मरने की कसमें । दोनों अलग अलग जात के विरोध होना कोई हैरानी की बात नही थी आजक के समाज में भी। भाग कर दोनों ने अलग शहर में गृहस्थी बसाई। रमेश को एक छोटी सी नौकरी भी मिल गयी और किसी तरह से गुज़र होने लगी।