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हुनर तजुर्बों से ज्यादा अब में हुनर को देखने लगा ह

हुनर तजुर्बों से ज्यादा अब में हुनर को देखने लगा हूं,
भूक मिटाई जिसने अब में उसको फेकने लगा हूं।
इंसान हूं में हर किसी को समझाना पड़ता है ,
भर जाए किसी का पेट फिर बाकी सारा खाना सड़ता है


खिला  दो किसी भूखे को बहुत कुछ मिलता हे,
बड़ी से बड़ी खाई में गिरा इंसान भी जिंदा निकलता है। har baat ka mtlb he or insaan Bhi mtlbi hi।
हुनर तजुर्बों से ज्यादा अब में हुनर को देखने लगा हूं,
भूक मिटाई जिसने अब में उसको फेकने लगा हूं।
इंसान हूं में हर किसी को समझाना पड़ता है ,
भर जाए किसी का पेट फिर बाकी सारा खाना सड़ता है


खिला  दो किसी भूखे को बहुत कुछ मिलता हे,
बड़ी से बड़ी खाई में गिरा इंसान भी जिंदा निकलता है। har baat ka mtlb he or insaan Bhi mtlbi hi।

har baat ka mtlb he or insaan Bhi mtlbi hi।