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जिस्मानी मोहब्बत में अहदे वफ़ा करके मुकर गए और जाते

जिस्मानी मोहब्बत में अहदे वफ़ा करके मुकर गए
और जाते-जाते ज़मीर-ओ-ईमान ताखे़ पे रख़ गए
चाराग़र ने चंद सिक्कों में आब-ओ-हवा सौदा की
वक्त़ आया तो हैवानियत की हद से गुज़र गए 
मरना यक़ीनी था तो अपने घर में सुक़ून से मर जाते 'अब्र'
जाने क्या सूझी अस्पताल गए और तड़प तड़प के मर गए

©अब्र 2.0 जिस्मानी मोहब्बत में अहदे वफ़ा करके मुकर #Nojoto
#IndiaFightsCorona
#Life
#Life
#poetry
#poem
#Trees
जिस्मानी मोहब्बत में अहदे वफ़ा करके मुकर गए
और जाते-जाते ज़मीर-ओ-ईमान ताखे़ पे रख़ गए
चाराग़र ने चंद सिक्कों में आब-ओ-हवा सौदा की
वक्त़ आया तो हैवानियत की हद से गुज़र गए 
मरना यक़ीनी था तो अपने घर में सुक़ून से मर जाते 'अब्र'
जाने क्या सूझी अस्पताल गए और तड़प तड़प के मर गए

©अब्र 2.0 जिस्मानी मोहब्बत में अहदे वफ़ा करके मुकर #Nojoto
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