एक ज़माना हो गया, एक वो भी दिन था तेरे बिन न मेरी सुबह होती थी, चिड़ियों के चहकने से भी पहले तू चहक जाती थी, माँ सुबह चाहे न उठाए तू ही मुझे उठाया करती थी, फ़िर दिन भर चलता था तेरा रूठना और मेरा मनाना, पर मेरे काम न आता था तब कोई भी बहाना, कभी-कभी मनाते-मनाते मैं थक जाया करता था, करता तो क्या करता बस कुछ दिन रुक जाया करता था।। तुमको देखे हुए कितने दिन हो गए... तेरे चहरे की हसीं से मेरा हर ग़म दूर हो जाता था, बस एक वही पल मेरे लिए भरपूर हो जाता था।। #तुमकोदेखेहुए #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #yqbhaijan #yqbaba #lockdown #yostowrimo