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रात नहीं ख्वाब बदलता है, मंजिल नहीं कारवाँ बदलता ह

रात नहीं ख्वाब बदलता है,
मंजिल नहीं कारवाँ बदलता है;
जज्बा रखो जीतने का क्यूंकि,
किस्मत बदले न बदले ,
पर वक्त जरुर बदलता है।
    चिंटू कुमार क्रांतिकारी शायरी
रात नहीं ख्वाब बदलता है,
मंजिल नहीं कारवाँ बदलता है;
जज्बा रखो जीतने का क्यूंकि,
किस्मत बदले न बदले ,
पर वक्त जरुर बदलता है।
    चिंटू कुमार क्रांतिकारी शायरी
chintukumar3497

chintu kumar

New Creator

क्रांतिकारी शायरी