रात नहीं ख्वाब बदलता है, मंजिल नहीं कारवाँ बदलता है; जज्बा रखो जीतने का क्यूंकि, किस्मत बदले न बदले , पर वक्त जरुर बदलता है। चिंटू कुमार क्रांतिकारी शायरी