अपने दिल के भाव को, उम्मीद ए वफ़ा के, पस-ए-मज़र से परौसा मैंने,वो बेमुरव्वत ठुकरा के, प्यार मेरा न जाने, कौन सी गली चल दिए, छोड़ के वह साथ मेरा, किसी और के संग हो लिए ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ आज का शब्द है "पस-ए-मंज़र" "pas-e-manzar" जिसका हिन्दी में अर्थ होता है पृष्ठभूमि, पीछे, वर्ग एवं अंग्रेजी में अर्थ होता है background. अब तक आप अपनी रचनाओं में पृष्ठभूमि, पीछे, वर्ग शब्द का प्रयोग करते आए हैं। उसकी जगह आप इस उर्दू शब्द पस-ए-मंज़र का प्रयोग कर सकते हैं। ♥️ उदाहरण - साथ उस के कोई मंज़र कोई पस-ए-मंज़र न हो इस तरह मैं चाहता हूँ उस को तन्हा देखना